क्या आसां है ?
क्या आसां है ?
इंसा चला तो गया..
मगर अपने संग बिताये
असीम पल....
यादें...
वो चेहरे
यहीं पीछे
छोड़ गया...
रास्ते घर ज़ज्बात...
सब यहीं......
सूनी मांग
मासूम -बुझी सी काया...
वो प्यारा सा
भोला सा
खोखली मुस्कान बिखेरता चेहरा...
खुद को संभालना....
खुद को फ़िर से सँवारना...
खुद से खुद को
जीना सीखाना...
क्य़ा आसां है....