STORYMIRROR

Sonias Diary

Abstract Tragedy

4  

Sonias Diary

Abstract Tragedy

क्या आसां है ?

क्या आसां है ?

1 min
411

इंसा चला तो गया..

मगर अपने संग बिताये 

असीम पल....

यादें...

वो चेहरे

 यहीं पीछे 

छोड़ गया...


रास्ते घर ज़ज्बात...

सब यहीं......

सूनी मांग 

मासूम -बुझी सी काया...

वो प्यारा सा 

भोला सा 


खोखली मुस्कान बिखेरता चेहरा...

खुद को संभालना....

खुद को फ़िर से सँवारना...

खुद से खुद को 

जीना सीखाना...

क्य़ा आसां है....


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract