किस्मत
किस्मत
तुम मेरी आँखों में थे , दिल में थे ,
तन मन और मेरी रूह में थे ,
सब जगह थे तुम
पर कभी तुमने देखना ही नहीं चाहा .
मेरे लबों पर हमेशा एक ही नाम था
पर जुबान पर कभी आ नहीं पाया
मेरे दिल के कागज़ पर रंगी थी तेरी ही हथेलियों की छाप
और आज किस्मत ने भी क्या खेल खेला है कि ,
तेरी उसी मेहँदी से सजी हथेली पर मेरी कलम की स्याही से लिख रहा हूं
कि तुम सब जगह हो
बस मेरी किस्मत में नहीं हो।