किसी दिन
किसी दिन
किसी दिन तुमसे हम मुलाकात करें
तुम चाहो तो ऐ सनम हम तुमसे बात करें
शांत नदी का ईक किनारा
कल कल ध्वनि मधुर चांदनी हो
धड़कन तेज और दिल बेचैन
काली रात और पवन बंजारा हो
तुम कहो तो हम अपने इश्क़ की सुरुवात करें
किसी दिन तुमसे हम मुलाकात करें
तुम चाहो तो ऐ सनम हम तुमसे बात करें
वो देखो एक पपीहे का जोड़ा
मधुर तान सुनाए रहा
मदहोश घटाएं छाय रही हैं
झींगुर भी सिटी बजाए रहा
ऐसे मौसम में तुम और मेरा दिल आवारा हो
तुम कहो तो हम अपने दिल के जज्बात कहे
किसी दिन तुमसे हम मुलाकात करें
तुम चाहो तो ऐ सनम हम तुमसे बात करें
रजनीगंधा ने खुश्बू फैलाई
एक मदहोशी सबपे छाई
सभी दिशाएं झूम उठीं हैं
शरद पवन जैसे इठलाई
ऐसी रुत हो और मेरा मन बेचारा हो
तुम कहो तो हम अपने ख्वाबों की बात कहे
किसी दिन तुमसे हम मुलाकात करें
तुम चाहो तो ऐ सनम हम तुमसे बात करें
किसी दिन तुमसे हम मुलाकात करें
तुम चाहो तो ऐ सनम हम तुमसे बात करें।