कुछ इस तरह से...
कुछ इस तरह से...
कुछ इस तरह उसने मुझसे वफ़ा निभाई होगी
झूठी ही सही, सात जन्मो की कसमें खायी होगी।।
जाते वक्त पलकों पर आँसू तो आए होंगे उसके
बड़ी मुश्किल से दुपट्टे के छोर से उसे हटायी होगी।।
जिसे देख कर ही पलकें झपकना भूल जाती थी
बड़ी मुश्किल से किसी और से नजरें मिलायी होगी।।
वो सारे के सारे एहसास सब याद आए होंगे उसे
जब वो कहीं अकेले में बस ऐसे ही मुस्करायी होगी।।
दस्तूर किस्मत का न जाना तो अब जानो "सम्राट"
बड़ी मुश्किल से किसी रकीब संग हाथ मिलायी होगी।।