STORYMIRROR

Monika Lambekar

Romance

2.5  

Monika Lambekar

Romance

ख्वाबों की गली

ख्वाबों की गली

1 min
7.5K


मेरे ख्वाबों की गली तुम रोज आया करो,

मेरे ख्वाबों को यूँ ही महकाया करो 

तेरे कदम जो पड़ते इस ख्वाबों की गली में मेरी 

खिल उठती हर सपनो की कली मेरी 

महकती हैं हर कली बन कर हसीन फूल कोई 

मेरे ख्वाबों की गली यूँ ही महकाया करो...

सूनी थी मेरी गलियाँ कभी 

बंजर थी ना थी कलियाँ कोई 

तेरी खुशबू से महकी हैं गलियाँ मेरी 

तेरी चाहत से खिल उठी हैं ज़िंदगानी मेरी

मेरी ख्वाबों की गली तुम रोज आया करो 

मेरे ख्वाबों की गली यूँ ही महकाया करो...

एक ख्वाब खिलाया हैं इस ख्वाबों की गली में 

तेरे कदम पडे कभी हकीकत बन मेरी ज़िंदगी में

खिली हैं आज गलियाँ खिल जाएँगी हर कली ज़िंदगी की मेरी

महक उठेंगी ज़िंदगी मेरी खिल उठेंगी ज़िंदगानी मेरी

मेरा चमन महका दो, बहार कुछ ऐसी लाओ

ये एक ख्वाब मेरा खिला दो 

तुम मेरे मुझ को तुम्हारा बना दो

मेरे ख्वाबों की गली तुम रोज आया करो

मेरे ख्वाबों की गली को यूँ ही महकाया करो........


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance