दिल की दरार
दिल की दरार


तेरे जाने से दिल टूटा जरूर हैं
कुछ विश्वास कुछ सपने भी टूटे जरूर हैं
तेरे लौटने से मरहम सा लग जाएगा दिल की चोट पर जरूर
पर टूटा है ये जो दोबारा ना जुड़ पाएगा उस कदर फिर कभी
दर्द वो कहीं छिपा होगा किसी कोने में फिर भी
एक झूठी मुस्कान सी होगी होठों पर बस यूं ही
ना होगा विश्वास प्यार मोहब्ब्त पर फिर कभी
ना दे पाएगा तसल्ली अब फिर कोई
ये दरार सीने पर हमेशा होगी यूं ही
ना मिट पाएगा कभी ये निशान होगा यूं ही....