STORYMIRROR

Monika Lambekar

Romance

2  

Monika Lambekar

Romance

दिल की दरार

दिल की दरार

1 min
14.1K


तेरे जाने से दिल टूटा जरूर हैं

कुछ विश्वास कुछ सपने भी टूटे जरूर हैं

तेरे लौटने से मरहम सा लग जाएगा दिल की चोट पर जरूर

पर टूटा है ये जो दोबारा ना जुड़ पाएगा उस कदर फिर कभी

दर्द वो कहीं छिपा होगा किसी कोने में फिर भी

एक झूठी मुस्कान सी होगी होठों पर बस यूं ही

ना होगा विश्वास प्यार मोहब्ब्त पर फिर कभी

ना दे पाएगा तसल्ली अब फिर कोई

ये दरार सीने पर हमेशा होगी यूं ही

ना मिट पाएगा कभी ये निशान होगा यूं ही....

      

                   


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance