चन्द विचार
चन्द विचार

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क्या लाऊं तेरे लिए
जब आऊं द्वार तेरे,
सब कुछ तेरा ही तो है
कैसे लाऊं तेरा तुझी के लिए,
ये जीवन भी तो तेरा ही दिया है
ये संसार भी तो तेरा ही बसाया है,
कण कण में तू है
हर मन में जो बसे वो तू ही तो है,
हाथ जोड़े खड़े द्वार तेरे
शीश झुकाए तेरे आगे,
क्या मांगू तुझ से मैं,
तू तो हर बात मन की जाने है।