ख्वाब
ख्वाब
दिल के एक राज को सभी से बताते हैं,
पर जिसे चाहते हैं उससे ही छुपाते है।
दोस्तों से हमेशा इजहार के तरीके पूछते हैं,
वैलेंटाइन को बोल देंगे ऐसा ही सोचते हैं।
पर जब मौका आ जाए तो टाल देते हैं,
फिर दोस्तों पर ही भड़ास निकाल देते हैं।
अब तो ख्वाबों में आशियाना बन रहा है,
कोई धीरे धीरे आशिकी में बिगड़ रहा है।
वैसे ख्वाबों में बहुत करीब जातें हो और,
वो पास आ जाए तो बातों से ही घबराते हो।
आँखों में सिर्फ उसका ही ख्वाब सजाया है,
वो मिली जो नजर तो दोनों ने आँख चुराया है।
अब बिना इजहार बात यूँ ही चलने लगी,
दोनों की जिंदगी एक दूजे में मचलने लगी।
वक्त बिता पर कहीं से भी इजहार ना हुआ,
कैसे कहें कि दोनों को आखिर प्यार हुआ।
अब एक मोड़ पे दोनों को दूर जाना पड़ेगा,
एक दूजे के बिना कुछ पल बिताना पड़ेगा।
दोनों के मन में ऐसा कुछ विचार आया,
अगर प्यार था तो अब तक क्यों नहीं बताया।
उस लड़की की नई कहानी शुरू हुई,
किसी और के प्यार में वो अब चूर हुई।
लड़के को गाड़ी और बंगले का ख्याल है,
उसके बिना यहाँ तो सब बेहाल है।
सोचा इस बार मिले तो इजहार करुंगा,
तब तक मैं उसे ख्वाबों में प्यार करूँगा।
आयी वो अपने मंगेतर का हाथ पकड़ कर,
खुशखबरी दी अपनी ही बाहों में जकड़ कर।
वो ख्वाबों में ही रहा और सारा ख्वाब टूट गया,
आज फिर कोई प्यार करते करते छूट गया।