Rajeev Tripathi

Romance

4.5  

Rajeev Tripathi

Romance

ख़्वाब

ख़्वाब

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ख़्वाब बन जाओ ग़र हक़ीक़त

में मिल नहीं सकते

लाख चेहरा बदलकर आओ तुम

मेरी आँखों से छुप नहीं सकते

मैं तुम्हें ज़िन्दगी अपनी देता हूंँ


तुम तन्हा झगड़ नहीं सकते

तुम्हारी जुदाई हमें मार ना दे कहीं

बाद मरने के हम मिल नहीं सकते

ख़्वाब बन जाओ ग़र हक़ीक़त 

में मिल नहीं सकते


बातें हमारी ख़्वाब में हो जाए 

तो हो जाए

बेवफ़ा हो तुम सुधर नहीं सकते

प्यार पर पहरा लगा रहा है


कोई अपना

हमारा लिखा मुकद्दर वह 

बदल नहीं सकते

तुम्हें पाने की जुस्तजू बहुत ज़्यादा है

ख़्वाब बन जाओ ग़र हक़ीक़त

में मिल नहीं सकते 

ज़माना बड़ा ही संगदिल है


हम अपने मन की भी कर नहीं सकते

ख़्वाब बन जाओ ग़र हक़ीक़त

में मिल नहीं सकते

रक़ीब के लिए तुमने मुझे छोड़ा है


तुम्हारा दिल हम बदल नहीं सकते

ख़्वाब बन जाओ ग़र हक़ीक़त

में मिल नहीं सकते।


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