STORYMIRROR

Sachin Kapoor

Romance Tragedy

2  

Sachin Kapoor

Romance Tragedy

ख्वाब तुम्हारा आया नहीं

ख्वाब तुम्हारा आया नहीं

1 min
286


बहुत दिनों से तुमने सताया नहीं

बहुत दिनों से मैं मुस्कुराया नहीं 

बहुत दिनो से मैं रूठा नहीं

बहुत दिनों से तुमने मनाया नहीं

बहुत दिनों से तुम बोली नहीं

बहुत दिनों से मैं घर आया नहीं

बहुत दिनों से नींद आई नहीं

बहुत दिनों से ख्वाब तुम्हारा आया नहीं

बहुत दिनों से खत मैंने लिखे नहीं

बहुत दिनों से जवाब तुम्हारा आया नहीं

बहुत दिनों से कब्र पर तू आई नहीं 

बहुत दिनों से किसी ने गुलाब चढ़ाया नहीं।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance