ख्वाब में इश्क
ख्वाब में इश्क
कैसी दुनिया है ये ख्वाबोंकी,
तूं ख्वाबमें मुजे नजर आ गई,
तेरी नजर मुजसे मील गई और,
मेरी जीने की उम्मीद बढ गई।
अजब कयामत है तूं खूदाकी
तूं रोम रोम मुजको लहरा गई,
तन्हाईयांँ मन की दूर हुई और,
ईश्ककी शहनाईयां बजा गई।
मल्लिका लगती है तूं हूश्नकी,
मुजे बेसूमार हूश्नमें बहा गई,
मेरे मनमें मदहोंशी छाई और,
मुजे बेहोश बनाकर डूबा गई।
जादूभरी नजर है तेरे नैनों की,
जो मुजको तूं घायल बना गई,
तड़प बढी तेरे मिलन की और,
तूं ख्वाबोंमें मुजे छोड चली गई।
आज कैसा चमत्कार हुआ की,
तूं मुजे मीलने के लिये आ गई,
मेरी बांहों में तूं सिमट गई और,
"मुरली" का ख्वाब पूरा कर गई।

