ख्वाब....एक दिशा
ख्वाब....एक दिशा
ख्वाब ......ख्याल देते हैं।
और ख्याल ......ख्वाहिश बन जाते हैं।
जो जिंदगी में ख्वाब ही नहीं देखते।
वो फिर जिंदगी को कहां सीध देते हैं।
ख्वाब ......ख्याल देते है।
जो ख्वाबों में ही जिंदगी गुजार देते हैं।
वो असल जिंदगी के कहां करीब होते हैं।
मेहनत की लकीरें खींचने वाले,
अक्सर मंजिलों के करीब होते हैं।
ख्वाब ......ख्याल देते है।
ख्वाब जब आंखों के करीब होते हैं।
फिर वो सोने कहाँ देते है।
जिंदगी निकल पड़ती हैं तलाश में
मंजिलों के सफर आसान नहीं होते हैं।
वो वक्त के पन्नों को स्वर्णिम अक्षरों में पिरोते हैं।