खुशनसीब
खुशनसीब
याद तुम्हारी जब-जब आयी, एक नया एहसास मिला है।
उनकी सूरत में सीरत में, जैसे मुझे नया जीवन मिला है।।
तनहाई में जीना और रो लेना, दर्द भरी दास्तान थी।
थामा जो हाथ उन्होंने मेरा, दिल को बड़ा सुकून मिला है।।
भूल के भी जुदा मत होना, विनती है मुझे क्षमा कर देना।
दिल को ये महसूस है होता, तुम में मुझे खुदा मिला है।।
करता हूं यही प्रार्थना रब से, हर जन्म में तुम से हो नाता।
तुमको पाकर ही यही जाना, कि मुझे मेरा हमदर्द मिला है।।
तुम ही मेरे प्राण-प्रिय कहलाओ, सदा मुझे हृदय से लगाओ।
"खुशनसीब" है मेरी जिंदगी, जो मुझे मेरा मीत मिला है।।