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Padmini Parida

Classics Inspirational

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Padmini Parida

Classics Inspirational

खुशी

खुशी

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खुशी ओ खुशी 

कभी राहा रोशन करती हो 

कभी रास्ते ही बदल देती हो।

तुझे समझनेमे पागल होर हूं 

तुझे ढूंढने मैं मारे मारे फिर रहे है।


कभी रास्ते मैं मिलजाती हो

पुराने दोस्त के जैसे।

तुम भरो छोटे छोटे पल को झोली मैं 

मैं वही जीतिहूं।

तू कर धीमी चाल

सुकून रखना तो सिख 

मैं वही टिकती हूं।


तू छोड़ बटोरना 

बड़ना तो सिख।

हर दिल मैं बस्ती हूं

बारिश की उछलती बूंदों मैं

दिख जाती हो तुम 

तपस मैं मिली ठंडक में

नजर आती हो तुम्।


किसी बचे की आंखों में दिख जाऊंगी तुम्हेंं

किसी बूढ़े की राहतमैं नज़र आऊंगी तुम्हेंं।

कोई रूठा मान जाए तो

मिलजाऊंगी तुम्हें 

कोई अपना जो सिर को सहलाए 

तो मिलजाऊँगी तुम्हें।

कोई बेबाद माथा चुमजाए तो

केसे ना नजर आऊंगी तुम्हें।

अब धुंडलेना मुझे छोटी छोटी चीजों मैं 

अब तो पता मालूम है ना मेरा।


संकट मैं हम देखे अन्य को

नही वहां से जाए भाग 

बिपदा से हम उसे उभारे 

करके अपना सुख का त्याग।


ख्यामा करे आंखों से गलती 

और सुधारे अपनी भूल 

काटो चुने और के पथ से

बिखरादे खुशियों के फूल।

खुसी आदत बनालो तुम

ये सांसों की जरूरत है।


खूसी से जीवन है 

जीवन जीने का सठीक प्रयास है।

खुशी देना सिखलो

खुसी तुम्हारे साथ है।

दूसरों की खुशी का कारण तुम बनो

खुशी में ही संतोष हैं।


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