आज का संस्कृति
आज का संस्कृति
देश की संस्कृति बचाने के लिए
नव भारत का निर्माण हो।
जाने कहां वो साधु संत का देश था।
संकराचरिया,कबीर,चैतन्य,नानक
धर्म बचाने का प्रयास था।
धन्य है मेरा भारत भूमि
उसकी वासी है हम धनवान।
किंतु वही देश अभी संस्कृति से नाता तोड रहा है
गोरे से नाता जोड़ रहा है।
सत्य,धार्म के लिए चढ़े सूली
किसे पता कल है देश का हाल क्या होगा
सर्म, सभ्यता, अनुसासन
अपना करे सुधार आज
समय की है सही पुकार।
सत्य, अहिंसा, प्रेम, दया
यही हो जीवन के उच्च विचार।
