खुद खो जाए मुझमें
खुद खो जाए मुझमें
ढूंढ रहा हूँ कोई
ऐसा शख्स
जो मेरे आंसू
को ढूंढे
खुद खो जाये मुझमें
अपने आप को ढूंढे
उंगली पकड़ कर चले
साथ मेरे
कदमों की थापे पड़े
साथ मेरे
कोई रुकावट हो तो
रास्ते में चले
साथ मेरे
पूछें न घर का पता
न कोई मंज़िल
चले साथ मेरे..
मुसाफिर मैं बन जाऊं
तो रास्ता वो
बन जाये
पेड़ मैं बनूँ तो पत्तियाँ
वो बन जाये
पानी मैं बनूँ
नदियाँ वो बन जाये
तारे मैं बनूँ आकाश
वो बन जाये
मैं चमकती बिजली बनूँ
बरसात वो बन जाये
पृथ्वी मैं बनूँ ब्रह्माण्ड
वो बन जाये
ढूंढ रहा हूँ कोई ऐसा शख्स
जो मेरे आंसू को ढूँढे
खुद खो जाये मुझमें अपने
आप को ढूँढे।।