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Ravi k.Pandit

Romance

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Ravi k.Pandit

Romance

छोड़ दिया साथ उसने मेरा

छोड़ दिया साथ उसने मेरा

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छोड़ दिया साथ उसने

मेरा ये कहकर

कि मै कुछ कर नहीं

सकता

सिर्फ बातें कर सकता हूँ

सही कहा था उसने

मुझसे

कि मैं कर सकता हूँ सिर्फ बातें

कल उससे करता था

आज सारे जमाने से करता हूँ

बातें

खूब तालियां बजती हैं

इस महफ़िल में मेरे लिए

गूँजती है मेरे हर महफ़िल में

उसकी हर एक ताली

मिलने को तरशती हैं निग़ाहें

उसकी 

सुना है अकेले में कुछ न कुछ

वो आज है बड़बड़ाती।।



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