ज़रा देखूँ ,मेरी लाश पे शोरगुल क्यों है? आह ए गुबार, किस किस बात पे निकल रहा है! ज़रा देखूँ ,मेरी लाश पे शोरगुल क्यों है? आह ए गुबार, किस किस बात पे निकल रहा...
सुना है अकेले में कुछ न कुछ वो आज है बड़बड़ाती।। सुना है अकेले में कुछ न कुछ वो आज है बड़बड़ाती।।
कभी बाहर खेलने जाते कभी घर में ही तालियां बजाते कभी बाहर खेलने जाते कभी घर में ही तालियां बजाते
फुर्सत ही फुर्सत है यार, तो कुछ करते हैं, और कुछ नहीं तो, हंगामा ही करते हैं। फुर्सत ही फुर्सत है यार, तो कुछ करते हैं, और कुछ नहीं तो, हंगामा ही करते हैं।