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Dr.Ankit Waghela

Tragedy

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Dr.Ankit Waghela

Tragedy

सुशांत सिंह राजपूत - बहुत शोर है!

सुशांत सिंह राजपूत - बहुत शोर है!

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बहुत शोर है! आज कल मेरे मुहल्ले में हुजूर,

लगता है मेरी ख़ामोशी ज़लज़ला ले आई है!


आखरी किरदार पे इतनी तालियां भला क्यों है ?

हाल ए दिल भी, किसी किरदार से कम तो न था


ज़रा देखूँ ,मेरी लाश पे शोरगुल क्यों है? 

आह ए गुबार, किस किस बात पे निकल रहा है!


दफन हो रहा हूं मैं ..अब ये हंगामा क्यों है? 

जनाजे में दफ़अतन आज ज़माना क्यों है!


बहुत शोर है, आज कल मेरे मुहल्ले में हुजूर ,

लगता है मेरी ख़ामोशी ज़लज़ला ले आई है!


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