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EK SHAYAR KA KHAWAAB

Romance

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EK SHAYAR KA KHAWAAB

Romance

कहता है मेरा दिल

कहता है मेरा दिल

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कहता है मेरा दिल तुम मेरे हो मेरे रहोगे।

मुझ से बिछड़ कर कब तलक राहो के राही बने रहोगे।


दूर तक कोई मंज़िल नही दिखती।

अब देखना है फासले कब तक मंज़िल के रोड़े बने रहेंगे।


कोशिशे तो रोज होती है मेरी तुझ तक पहुचने की।

गर हारना मेरी किस्मत में है तो क्या हम नाकामयाब बने रहेंगे।


तुझसे मुझे दूर करने की कोशिशें तो बहुत हुई।

अगर मोहब्बत के दुश्मनों का यही कर्म है,तो नफरतो के बाज़ार मे हम मोहब्बत का ठेला लगाते रहेंगे।


गर प्यार करना भूल थी हमारी।

तो ये भूल जानबूझ कर हम हर जन्म मे करते रहेंगे।


तुमने जो अब हाथ थामा है फिर मत छोड़ना।

भगत गर हम मर भी जाएं शरीरों से तो अपनी मोहब्बत के किस्सो से हम किताबो मे हर बार जिंदा होते रहेंगे।



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