खोना नहीं चाहते
खोना नहीं चाहते
खोना नहीं चाहते तभी तो पाने की जिद हम नहीं करते,
मर जाते है हम जैसे पागल इश्क़ फिर दुबारा नहीं करते।
कभी मंद मंद मुस्काते है भरी महफिलों में लोगो के आगे,
मत सोचिए अश्क हसने वाले तन्हाइयो में बहाया नहीं करते।
गुलाबो की दोस्ती और मोहब्बत सदा कांटो से ही तो होती हैं,
कैसे कह दे जूठ कि दिल में रहने वाले दिल जलाया नहीं करते।
मोहब्ब्त कभी कभी किसी बिन सोचे बिन कहे भी हो जाती है,
उसकी खुशी देख फिर अपनी मोहब्ब्त उसे बताया नहीं करते।
क्यों बांध देते कुछ लोग अक्सर इश्क़ को भी उम्र के दायरों से,
कौन कहता है कि बढ़ती उम्र में लोग इश्क़ फरमाया नहीं करते।

