कहो ना कैसे हो?
कहो ना कैसे हो?
कहो ना कैसे हो,
कैसा लगता है आस्तित्व विहीन जीना,
बिना मंजिल बस यूं ही चलते ही रहना,
सीख लिया है ना परिस्थितियों से समझौता,
भूल कर स्वयं को पथ भ्रमित हो भटकना,
इतना साहस लेकर भी कहीं गुम क्यूं हो,
कभी पूछा है स्वयं से सूली पर तुम क्यूं हो,
सुध बुध नहीं बस कठपुतली सी रहना है,
पूछा नहीं जाता है बस झूठ को टॉंक दिया जाता है,
तुम्हारे सच को डाल मिट्टी खड्डे में पाट दिया जाता है,
सबसे पूछते हो कभी पूछा है स्वयं से कैसे हो..
कहो ना कैसे हो,
जवाब नहीं है लेकिन सवाल वही है,
कहो ना कैसे हो ??
कोई नहीं कहेगा अपना ध्यान रखो,
कोई नहीं कहेगा अपना ख्याल रखो,
जब तक तुम स्वयं को महत्व नहीं दोगी,
अपनी संभाल स्वयं नहीं करोगी,
स्वयं से प्रश्न नहीं। करोगी कैसी हो,
कहीं से कुछ भी झंकृत नहीं होगा,
कोई वीणा का मधुर तान नहीं बजेगा,
स्वयं तो लय ताल बद्ध करो जीवन तुम्हारा है,
इसको गाने का संगीत में खोने का निर्णय तुम्हारा है,
फिर से उत्तर के इंतजार में,
प्लान फिर वही है ..कहो ना कैसे हो कहो ना कैसे हो,
कैसा लगता है आस्तित्व विहीन जीना,
बिना मंजिल बस यूं ही चलते ही रहना,
सीख लिया है ना परिस्थितियों से समझौता,
भूल कर स्वयं को पथ भ्रमित हो भटकना,
इतना साहस लेकर भी कहीं गुम क्यूं हो,
कभी पूछा है स्वयं से सूली पर तुम क्यूं हो,
सुध बुध नहीं बस कठपुतली सी रहना है,
पूछा नहीं जाता है बस झूठ को टॉंक दिया जाता है,
तुम्हारे सच को डाल मिट्टी खड्डे में पाट दिया जाता है,
सबसे पूछते हो कभी पूछा है स्वयं से कैसे हो..
कहो ना कैसे हो,
जवाब नहीं है लेकिन सवाल वही है,
कहो ना कैसे हो ??
कोई नहीं कहेगा अपना ध्यान रखो,
कोई नहीं कहेगा अपना ख्याल रखो,
जब तक तुम स्वयं को महत्व नहीं दोगी,
अपनी संभाल स्वयं नहीं करोगी,
स्वयं से प्रश्न नहीं करोगी कैसी हो,
कहीं से कुछ भी झंकृत नहीं होगा,
कोई वीणा का मधुर तान नहीं बजेगा,
स्वयं तो लय ताल बद्ध करो जीवन तुम्हारा है,
इसको गाने का संगीत में खोने का निर्णय तुम्हारा है,
फिर से उत्तर के इंतजार में,
प्रश्न फिर वही है ..कहो ना कैसे हो।