खो गया पुनीत कोष
खो गया पुनीत कोष
हृदय में बड़ा अफसोस है
खो गया "पुनीत" कोष है
हे दुनिया बनानेवाले रब,
ये कैसा दिया तूने सबब
पुनीत आत्मा को छीन,
क्या आया तुझे संतोष है?
हृदय में बड़ा अफसोस है
खो गया "पुनीत" कोष है
अदाकारी थी,लाजवाब
मुर्दे में फूंक देती थी,जान
दक्षिण,कर्नाटक ही क्या,
पूरे हिंद के थे,आफताब
अब क्यों हुए,खामोश है
पुनीत अच्छाइयां याद कर,
हो रही जनता बेहोश है
जो मिला,गम ग्लोकोज है
आपके यूं,असमय जाने से
खो गया हमारा जोश है
हृदय में बड़ा अफसोस है
खो गया "पुनीत" कोष है
आप अभिनेता ही न थे
जन-जन के प्रिय नेता थे
गौसेवा,अनाथों की सेवा,
ये करते थे,आप निर्दोष है
ऐसा व्यक्ति,कहां से लाये
जिसमे था,निःस्वार्थ जोश है
हृदय में बड़ा अफसोस है
खो गया "पुनीत" कोष है
जैसा नाम,वैसा ही काम
पुनीत ने दिया,यह होश है
शरीर से भले चले जाऊं,
सच से रहूंगा,जिंदा खोज है
पैसा,पद की बहुत शान
फिर भी न था अभिमान
आप पुनीत थे,सच्चे इंसान
ओर न होगा यूं फिरदौस है
हृदय में बड़ा अफसोस है
खो गया "पुनीत" कोष है
पुनीत के जाने से यूं लगा,
दीप गया रोशनी छोड़ है।
