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Veena Mishra ( Ratna )

Tragedy

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Veena Mishra ( Ratna )

Tragedy

खंडहर

खंडहर

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बेगुनाहों को दी बेवजह ऐसी सजा,

स्वाहा की कितनी जिंदगी ,वो दरिंदा जान पाता।

कितनी हुई जलन कौन कितना जला,

आग लगाने वाला कभी जान पाता।

अब कोई मरहम भी दर्द न मिटा सकेगा,

घाव देने वाला कभी जान पाता।

खंडहर हुई पल में कितनों कि दुनिया ,

तन्हाई देने वाला भी जान पाता।

कातिल है वो मासूम और निर्दोषों का,

गुनाहगार ये सच कभी जान पाता।



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