खिलौना मैं हूँ, यह नहीं
खिलौना मैं हूँ, यह नहीं
खिलौना मैं हूँ, यह नहीं
बना था खिलाड़ी, बना खेल।
जो पकड़ी मैंने तो ठीक
जो पकड़ी तूने तो देख।
बनाया था साथी दर्द का
सबब बन गया, दर्द का।
ढेर से सींचा पूरा शरीर
खींचा पूरा शरीर, किया ढेर।
कहता हूँ मैं मत पी
जो पी समझ, गया जी।
