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Veenu Das

Romance

5.0  

Veenu Das

Romance

कहीं दूर निकलते हैं

कहीं दूर निकलते हैं

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कितने दिनों बाद मिले है फिर,

चलो दूर कहीं निकलते है,


इस शोर से दूर इस भीड़ से परे,

आसमान जहाँ से साफ़ नजर आए,


रास्ते जहाँ बिना रुके चलते जाए,

जहाँ गरमाहट भरी चहल ना हो,


जहाँ सुकून भरी हवा चले,

जहाँ इस समाज का खौफ ना हो,


चलो किसी झरने के क़रीब,

टूटते पानी को पीकर देखे,


इन भागते दौड़ते लम्हों से चुराकर,

कुछ पल सिर्फ अपने लिए जी कर देखे,


कोई देखे ना ,

कोई सुने ना हमे ,

जी भर कर साँस ले हम,

जो चाहे कह सके

जो चाहे कह सके....


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