वो खुश है अब
वो खुश है अब


वो खुश है अब,
क्यों की मैं अब उसकी दुनिया में नहीं,
पर उसे कैसे समझाऊं,
वो अब भी मुझ में बाकी है हर कहीं,
वो खुश है अब ,
क्यों की मैं अब उसकी दुनिया में नहीं,
मेरी आँसुओं से भरी आँखें उसे बिल्कुल पसंद ना थी,
पर अब उसे उन आँखों की भी परवाह नहीं,
मैं प्यार करके भी मुजरिम बन गई,
वो धोखा देकर भी बेगुनाह सही,
वो खुश है अब,
क्यों की मैं अब उसकी दुनिया में नहीं,
मैंने हर हिस्से में उसे पाया था,
बस किस्मत की लकीरों में वो नहीं,
जो मेरी मुस्कुराहट की वजह बना,
उसे इस बात से भी अब कोई मतलब नहीं,
वो खुश है अब,
क्यों की मैं अब उसकी दुनिया में नहीं,
बाकी मुझ में है वो हर जगह,
पर उसके लिए तो मानो
मैं अब कुछ भी नहीं,
मैं अब कुछ भी नहीं,
वो खुश है अब,
क्यों की मैं अब उसकी दुनिया में नहीं,
क्यों की मैं अब उसकी दुनिया में नहीं,