ख़ूब
ख़ूब
एक दोहा
है हंसी वो सूरत से , देखो यारों ख़ूब ॥
मगर बात से बदज़ुबां, वो कितना महबूब ॥
आज़म नैय्यर
एक दोहा
है हंसी वो सूरत से , देखो यारों ख़ूब ॥
मगर बात से बदज़ुबां, वो कितना महबूब ॥
आज़म नैय्यर