ख़ुश हैं मेरी मय्यत पर
ख़ुश हैं मेरी मय्यत पर
याद आते हैं,
हर रोज
मुझे,
अपना बनाके,
तन्हा
छोड़ने वाले,
ख़ुश हैं
मेरी मय्यत
पर,
मेरे दिल को
तोड़ने
वाले,
आँखों में,
बस अश्क़ लिए,
फिरते हैं
गलियों -गलियों
में,
वो ख़ुश हैं
गैरों की
बाहों
में,
किसी और का
दिल
तोड़ने के
लिए,
क्या मिलता हैं
उन्हें,
दिल के साथ
खिलवाड़
करने
से,
अब उन्हें
ये कौन
समझाये !