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Amit Kumar

Romance Classics Inspirational

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Amit Kumar

Romance Classics Inspirational

ख़लिश

ख़लिश

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ख़लिश अपने दिल में भी

उनकी कुछ कम नहीं

वो समझते हैं मुहब्बत

उनसे हमको नहीं

ज़माने पर ऐतबार करते हैं

और हमसे निग़ाह बचाते हैं


जाने दीजिए दोस्त ज़िन्दगी में

कुछ ऐसे भी मक़ाम आते हैं

जहाँ रोने वाले हँसते हैं 

और हँसने वाले आंसू बहाते हैं


कोई बात है वक़्त यूँही बड़ा बादशाह नहीं

इसकी चौखट पर क्या राजा क्या रंक

सभी एक न एक दिन अपना

शीश झुकाते हैं......

अब अपना दिल संभालना

इतने दर्द पर भी तेरे सितमगर

देख हम कैसे मुस्कुराते हैं।


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