ख़ामोशी
ख़ामोशी
ख़ामोशी में होता है जब
हर सवाल का जवाब,
तब क्यों होता है हंगामा
ख़ामोशी और हंगामा
नासूर बनते सवाल
जवाब के इंतज़ार में
जब ख़ामोशी हंगामा और
हंगामा खामोश हो तब
बहता है नीर आँखों से
सुलगता है दर्द दिल में
निरुत्तर हो जाती है जिंदगी
और नहीं मिलते कभी जवाब
क्योंकि
दफ़न हो जाते है हर सवाल
ख़ामोशी और हंगामे की जद में।