STORYMIRROR

Harish Bhatt

Classics

4  

Harish Bhatt

Classics

ख़ामोशी

ख़ामोशी

1 min
251

ख़ामोशी में होता है जब 

हर सवाल का जवाब,

तब क्यों होता है हंगामा


ख़ामोशी और हंगामा 

नासूर बनते सवाल

जवाब के इंतज़ार में


जब ख़ामोशी हंगामा और 

हंगामा खामोश हो तब  


बहता है नीर आँखों से 

सुलगता है दर्द दिल में


निरुत्तर हो जाती है जिंदगी 

और नहीं मिलते कभी जवाब


क्योंकि 

दफ़न हो जाते है हर सवाल

ख़ामोशी और हंगामे की जद में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics