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Devaram Bishnoi

Tragedy

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Devaram Bishnoi

Tragedy

"खैजड़ली बलिदान"

"खैजड़ली बलिदान"

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जद याद करा खैजड़ली बलिदान ने।

नेणों में रक्त उत्तर आवेेंह।

आ खैजड़ली महाबलिदान री गाथा सुनाऊं।

इह महाबलिदान रे दुःख री बात याद दिलाऊं।

हरे रूखों ने बचावण खातिर आ आयअड़ीह थींह।

हरे पैड़ बचावण रो पहलो चिपकोआंदोलन 

री जन्मदात्री आअमृता बिश्नोईहीं थीं।

आअमृता देवी बिश्नोईहीं री वीरता री खैजड़ली 

बलिदान12सितम्बर सन्-1730री घटना बताऊं।

आ खुुब लड़ी‌ मर्दानी थींआअमृता बिश्नोईहीं थींह।

निहत्थे युु्द्ध मेंआयह भिड़ीआअमृता बिश्नोईहीं थींह।

मारवाड़ महाराजा री सेना गिरधर दास भंडारी

रण बांकुरा राठौड़ा थें आहअनीति कर हार गयाह। 

आह निहत्थी तिरिया पे थेंह तलवार चलाय दिवींह।

आ खुब लड़ी मर्दानी थींआअमृता‌ बिश्नोईहीं थींह।

धिक्कार हैंथारी रजपुुुती रण रीआण भान दिवीह।

आ खुब लड़ी मर्दानी थींआअमृता बिश्नोईहींं थींह।

निहत्थे363बिश्नोईशहीदों ‌साथेअत्याचार थेंह कियोह।

थारी रजपुुुती रण री मर्यादा लाज शर्म भंग हुईह।

आ खुब लड़ी मर्दानी थींआअमृता बिश्नोईहीं थीं।

आ शहीदअमृता बिश्नोई तोंअमर हुईह।

363शहीदों ने साथे लेआह सीधे स्वर्ग सिधार गईह।

आ खुब लड़ी मर्दानी थींआअमृता बिश्नोईहीं थींह।

जद तक सूरज चांद रहेगाह।

363शहीदोंअमृता बिश्नोई का नाम रहेगाह।

आ खुब लड़ी मर्दानी थींआअमृता बिश्नोईहीं थींह।

गुरु श्री जम्भेश्वर महाराज किआण मानण वाली

बिश्नोई समाज री साख बचावण वाली थींह।

आ खुब लड़ी मर्दानी थींआअमृता बिश्नोईहीं थींह।

बोलिएश्री गुरु जम्भेश्वर महाराज कि जय होह।

363शहीद बिश्नोई खैजड़लीअमर रहेंह।

शहीदअमृता देवी बिश्नोई अमर रहेंह।

आ खुब लड़ी मर्दानी थींआअमृता बिश्नोईहीं थींह।



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