STORYMIRROR

Goldi Mishra

Romance

3  

Goldi Mishra

Romance

खातिर

खातिर

1 min
240

कशिश अजीब है उनकी आंखों में,

ना जाने क्यूं दिखी है फ़िरदौस उनकी आखों में,

कोई बता दे उन्हें की बेपरवाही यूं सही नहीं,

यूं जज्बातों से अनजान बनना सही नहीं,

कलम ने कोशिश की है उनके लिए अल्फाजों को उतारने की,

हमने कोशिश की खामोशी से जज्बातों को बयान करने की,

कोई बता दे आखिर क्यूं ये हालात मेरे बस में नहीं,

क्यों धागे जो टूटे फिर जुड़े ही नहीं,

कमी कोई रह गई जो हमारी चाहत में तो बताना,

अंधेरी रातों में दिए बुझा कर मत चले जाना,

तुम ना बदलना मौसम की तरह,

साथ चलना मेरे एक बहती झील की तरह,

गमों का कोहरा भी ढल जाएगा,

तेरा मेरा एक सवेरा भी आ जाएगा,

ज़रा हौसला तू रख,

ये एहसास है पाक इन्हे जग की नज़रो से छुपा कर रख,

ये ज़माना कहीं बे पाक एहसास को बदनाम ना कर दे,

नित ख्वाब पिरोती हूं डर है कोई हूंक मेरे ख्वाब ना तोड़ दे,

लब खामोश है शायद कोई बात इन पर ठहरी है,

नीघाए भीगी है इस क़दर मानो कोई झील गहरी है,

हमदर्द बन कर तेरा तुझसे हर दर्द बाटना है,

तेरे हर ज़खम का मरहम बन तेरी हर पीड़ को ख़तम करना है,

निगोड़ा ये जग सवाल हजारों उठाएगा,

बे नाम ये रिश्ता शायद मुकम्मल ना हो पाएगा,

तेरी खैर की दुआ हर रोज़ करेंगे,

तू मिल ना सका इसी को अपनी किस्मत समझेंगें!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance