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Sandhaya Choudhury

Classics Inspirational

4  

Sandhaya Choudhury

Classics Inspirational

खामोशी

खामोशी

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जब दिल पर छा जाती है खामोशी

चेहरे पर भी छा जाती है खामोशी

शब्द छूट जाते हैं संग साथ 

जज्बात भी हो जाते हैं बेजार


कभी कहीं दिल पर जब लग जाती है चोट 

दर्द बनकर छा जाती है खामोशी

पूरी दुनिया दिखती है दुश्मन 

बोलती हुई आंखें भी हो जाती है खामोश 


कोई अपना बनकर जब दे जाए धोखा 

उपहार में मिलते हैं टूटते अरमान

मिलती हैं खामोशी 

जीवन में अगर दुखों का हो भंडार

दुखदाई जिंदगी मे भी जाए खामोश


उर्वशी मन का मीत जब जाए

छूट सच्चा मित्र बनकर आ जाती है खामोशी 

खामोशी का होता है एक वजूद

हर किसी के पास नहीं होती खामोशी 

अपना ले तू भी इस खामोशी को


जो अपने होकर भी न पढ़ सके इस खामोशी को

बोलने से अच्छा है अपना ले इस खामोशी को।।


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