कद्दू जी
कद्दू जी
प्यारे-प्यारे कद्दू जी,
मुँह फुलाकर कहाँ चले ?
बैंगन भैया तुम्हें पुकारे,
आकर उनसे मिलो गले।
कितने अच्छे दोस्त हो दोनों !
एक-दूजे से क्यों रूठे ?
जरा-जरा सी बात पर,
प्यारा रिश्ता ना टूटे।
चलो जल्दी से पास आओ,
सारी बातें भूल जाओ।
आपस में कट्टी तोड़कर,
दोस्ती को आगे बढ़ाओ।