ख़ास हो तुम..!
ख़ास हो तुम..!
क्यूँकि ...
तुम बहुत ख़ास हो उनके लिए
जो तुम्हें जानते हैं/
या जिन्होंने अभी जानना शुरू किया है /
और उनके लिए भी जो तुम्हें नहीं जानते,
वो जो अभी तुम्हारे जीवन में आने वाले हैं
कुछ विशेष उपहारों के साथ..
एक विशेष प्रयोजन लिये..!
क्यूँकि ...
तुम बहुत ख़ास हो
इसलिए नहीं कि मैंने तुमको जन्म दिया है..
इसलिए भी नहीं कि देवदूतों द्वारा प्रदत्त
एक अनुपम उपहार हो ..
इसलिए कि हर बच्चा अनमोल होता है स्वयं में..!
क्यूँकि ..!
बहुत ख़ास हो तुम इसलिए कि
एक विशेष प्रयोजन से तुम्हारा आविर्भाव हुआ है
प्रकृति ने तुमको चुना है अपने लिए..!
लेकिन...
अभी तुमको और भी चुनौतियों से जुझना है
अभी तुमको स्वयं को और प्रखर करना है ..
लक्ष्य को साधने के लिए दधीचि सदृश्य
कठोर तप करना है..!
स्वयं को अग्नि / पाषाण / नीर / समीर सा बनाना है..
क्यूँकि ...
तुम बहुत ख़ास हो..!!
