जिस ज़मींदार ने उसकी एक आँख की ज़िम्मेदारी भी नहीं उठाई। जिस ज़मींदार ने उसकी एक आँख की ज़िम्मेदारी भी नहीं उठाई।
शत्रु परिधि का वृत्त भेद कर, रचनी होंगी सीमाएं शत्रु परिधि का वृत्त भेद कर, रचनी होंगी सीमाएं