परी राजकुमारी की विदाई
परी राजकुमारी की विदाई
बचपन से सुनती थी पापा से,
मैं परियों की एक कहानी,
आज सुनाती हूं तुमको मैं,
वही परियों की कहानी।
दूर दूर नगरी में थी इक,
परियों की सुंदर सी रानी,
जिसको थी एक प्यारी सी,
और नन्ही सी राजकुमारी।
रानी की थी वो प्यारी बिटिया,
थी वो उसकी बहुत दुलारी,
रानी ने नाज़ों से पाला था उसे,
देकर उसको खुशियां सारी।
वक्त ने करवट बदली जब,
राजकुमारी हुई थोड़ी सयानी,
आया इक दिन एक राजकुमार वहां पे,
जिसे राजकुमारी बहुत ही भाई।
ब्याह रचाया उसने राजकुमारी संग,
और बनाया उसे अपनी अर्धांगिनी,
रानी का दिल मुरझाया जब,
हुई राजकुमारी की विदाई।
