STORYMIRROR

SHREYA PANDEY .

Classics Inspirational Children

4  

SHREYA PANDEY .

Classics Inspirational Children

मेरा जन्मदिन

मेरा जन्मदिन

1 min
349

रोशन हैं आज सबकी आंखें

घर में जलते हजारों दियों समान

घर आंगन महके इस शुभ दिन

परिवर्तन लाया मेरा अट्ठारवान जन्मदिन


कहीं मिठाई से थाल सजे हैं

कहीं रंगोली संग फुलवारी 

नानी उतार रही नजर बेगानी

मा सजा रही अपनी गुड़िया प्यारी


असमंजस में मेरे पिता

लेके बैठे हैं एल्बम पुरानी

माथे पर टीका तुतलाती ज़ुबान

क्या यूं बनती है बचपन से जवानी


लेके एक छोटा सा मोजा

नाप रहे मेरे पैरों को

धकेल रहे जो मुझे ज़िम्मेदारियों में

कैसे रोक इं गुजरते पेहरों को


अंगुली पकड़े ठुमक ठुमक कर

पग पग चलना सीखा

बस्ता टांगे भरी उड़ान

नभ में उड़ते बादल सरीखा

मांगे मुरादें नवीन खुशहाल

कलियों एस खिलता हो तेरा हर दिन

परिवर्तन लाया मेरा अट्ठारवान जन्मदिन।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics