कभी तो !
कभी तो !
क्या कहूॅं मैं तुमसे,
दिल में मेरे तेरा प्यार है,
आंखों में बस तेरा ही दीदार है,
नजरें देखा करती है तुमको,
सपनों में तुम ही तुम आते हो नज़र,
हर पल न जानें क्यों !
अपनी मुस्कुराहटों से मुझे तरसाते हॊ,
कभी तो सच में सामने आ जाया करो !
मैं हूॅं प्यार तेरा कभी यूं भी कह जाया करो,
ख्वाहिशॊं कॊ संजोए तेरी यादों में खोए,
लगता है डर कहीं आस लगाए बैठे-बैठे,
यूॅं ही वक्त न गुज़र जाए,
उम्मीदों का दीया लिए कहीं,
जिंदगी की शाम न हो जाए ।