कौन
कौन
चेहरे पर चेहरे लगे हुए हैं
असली कौन, नकली कौन
सबके खून पीने में लगे हुए हैं
अपना कौन, पराया कौन
रंग-बिरंगे आईने सजे हुए हैं,
हम कौन, तुम कौन
गीत बहुत सारे सुने हुए हैं
सुरा कौन, बेसुरा कौन
कपड़े सबके धुले हुए हैं
मीत कौन, शत्रु कौन
जीने वाले ही मरे हुए हैं
आंसू उनके सूखे हुए है
जिंदा कौन, मृत कौन
अमावस में चन्द दर्शन हुए हैं
चराग़ कौन, दाग कौन।