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Jai Singh(Jai)

Tragedy

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Jai Singh(Jai)

Tragedy

"कौन बना हैवान "।

"कौन बना हैवान "।

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उत्पीड़ित मनुष्य हो रहे,कौन बना हैवान।

 जाति धर्म के दोष की, बात करें शैतान।

बात करें शैतान, ख़ूब ज्यादती ढहाता ।

वार घातक करके, सरे आम खौंफ बढाता।

सिंधु छातर खीरी ,स्थान हुए अब कलंकित।

बेअदबी अच्छी नहीं ,बने न कोई उत्पीड़ित।



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