प्रकृति के कण –कण में सुंदर रूप समाया है, अब प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। प्रकृति के कण –कण में सुंदर रूप समाया है, अब प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया...
ये ईश्वर का कैसा, ये खेल हो गया अपना ही गाँव घर जेल हो गया। ये ईश्वर का कैसा, ये खेल हो गया अपना ही गाँव घर जेल हो गया।
इसकी तरह मैं भी इंसानियत के मनकों की माला बड़ी मुश्किल से पिरो रही हूँ। इसकी तरह मैं भी इंसानियत के मनकों की माला बड़ी मुश्किल से पिरो रही हूँ।
घातक शब्द का अर्थ समझने का होता रहा है असफल प्रयास ! घातक शब्द का अर्थ समझने का होता रहा है असफल प्रयास !
अब तो ऐसे हालात नादान सिगरेट बीड़ी का कस खिंचते वर्तमान भविष्य के कर्णधार।। अब तो ऐसे हालात नादान सिगरेट बीड़ी का कस खिंचते वर्तमान भविष्य के कर्णधा...
दया धर्म को छोड़, क्यों व्यर्थ तुम शान धरो दया धर्म को छोड़, क्यों व्यर्थ तुम शान धरो