कौन अपना
कौन अपना
अच्छा देख ना खुश होना ,
बुरा देख ना तुम रोना ,
ये जीवन के दो पहलू हैं,
इनके बिना कुछ नहीं होना,।
वायु बिना तुम रह नहीं सकते ,
जल बिना भी जी नहीं सकते,
खुद पर इतना गुमान क्यों करते,
जब अपनी मर्जी से जी नहीं सकते,।
तन है भाड़े का ,जग नहीं अपना,
मन पर अपने कोई नियंत्रण नहीं,
कहते हैं यहां कोई अपना नहीं,
देख रहे हैं जग जितने का सपना,।