कैद
कैद
तुम खुद को संभाल लो
मेरी फिकर कभी मत करना,
मैं एक टूटा हुआ आईना हूँ
मुझसे जुस्तजू मत करना।
तकलीफ़ होगी तुम्हें बहुत
लेकिन मेरे लिए इतना ज़रूर करना,
अपने होठों में एक लफ्ज़ बनाकर
मुझे कुछ इस कदर तुम कैद करना;
फिर मेरी आज़ादी का किसी से
कोई ज़िक्र तुम कभी मत करना...!

