ए जिन्दगी..!
ए जिन्दगी..!
कागज़, कलम, स्याही,
कुछ पुराने किस्से और
बंद दराजों के कई हिस्से
जिनके सीने में दफ़न हैं..
कई राज, इश्क, नफरत
और दुनिया की रंजिशे..
आख़िर में किताबों के,
चंद पन्ने जिन पर लिखा हैं..
तुम, तुमसे, तुम्हारे लिए'
ऐसे दोस्त भी अब काफी
पुराने हो गए हैं ए जिन्दगी..!