काश तुम भी
काश तुम भी
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जिंदगी गुजार दी हमने
अपनो की परवाह करते करते
पल भर के लिए भी हमने
खुद के बारे में सोचा नहीं
पल भर के लिए जो तुझ संग
प्यार निभाया हमने, सबसे दूर हुए
इल्ज़ाम हम पर ही सबने
स्वार्थी होने का लगा दिया
दिल पर हमारे क्या गुजरी होगी
ये किसी ने भी ना सोचा कभी
इल्ज़ाम गर हम भी लगाते तो
क्या फर्क रह जाता हम में और सब में
कोई सफलता मेरे किस काम की होगी
अब जब तुम ही नही मेरे साथ
हम जीत भी गए हर बाज़ी तो खुशी ना होगी
हम हार भी गए तो हमको गम ना कोई होगा
काश तुम यूँ ही ना चले जाते हमको छोड़कर
हाथ थामकर हमारा हमको भी साथ ले गए होते
तो आज मेरी आँखों में आंसुओ का सैलाब ना होता
हम कह तो देते हैं सबसे की हम ठीक है खुश है पर
रातो को जाग जाग कर हम तेरा इंतजार करते रहते है
ख्वाबो में ही हम अपनी दुनिया बसा लेते है
काश तुमको हमारे दर्द का एहसास होता और
हम पर अपना हक जता पाते तुम हमारी तरह
हम तो आज भी तुम पर अपना हक जताने से
बाज़ नही आते, काश तुम भी ऐसा कर पाते