STORYMIRROR

दयाल शरण

Inspirational Others

3  

दयाल शरण

Inspirational Others

जय घोष

जय घोष

1 min
14.1K


घर-घर दीप जले

उजियारा फैल गया

अंधकार लो तुम पर

जय का घोष हुआ.

जीवन में संघर्षों की

जितनी भी कथा बने

प्रण से कर्म से उनपर

जय का घोष हुआ.


सीता-राम उस रात

अयोध्या लौटे थे

वैसे ही सुख-संपदा

का घर-घर आगम हो.


जग देखे भारत को

इक युग प्रवर्तक सा

बिखरी आभा का मण्डल

सा-शुचिता पुनः विराजित हो.


दीपावली पर हार्दिक शुभेच्छा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational