जुदाई
जुदाई
वो हमारी ख्वाहिश थे
हम उनकी मोहब्बत ना बन सके।
उनके लिए हम खुदा से भी लड़ पड़े
पर हम उनकी जान ना बन सके।।
उनके लिए हमें मौत भी मंजूर थी
पर उनके प्यार की डोर ही कमजोर थी।
जब हमारे ख्वाब और मंजिल भी वे थे
फिर भी वे हम पर भरोसा ना कर सके।।
हद से भी ज्यादा हमने उन्हें चाहा था
वफा होने पर भी हमें बेवफा कहा था।
उनके खातिर हमने झूठ को भी सह लिया
बेवफा कहकर जो हमें खुद से अलग कर दिया।।
बेवफा कहकर उन्होंने रुख तो मोड़ लिया
पर हम उन्हें भूल न पाए।
उनसे जुदा होने पर भी
उनकी यादों से दूर न हो पाए।।
हमें लगता था कि
वो हमें समझते हैं।
हमें पता ही नहीं था कि
वो हमें बेवकूफ समझते हैं।।

