जोरू का गुलाम
जोरू का गुलाम
बीवी के नखरे सहते रहना
उसके हर बात को सुनते रहना
खुशी और गम में उसका ख्याल रखना
अगर मुझे जोरू का गुलाम बनाता है
तो हां मैं जोरू का गुलाम हूँ
वो मेरे लिए परिवार छोड़ सकतीं हैं
मैं इन रिश्तेदारों की बातों से क्यों डरूँ
अगर मेरे लिए दिन भर परेशान रहतीं हैं
तो फिर मैं उस पर क्यों ना मरूँ
पूरे परिवार के चेहरे पे खुशी आती है
जब भी उसका नाम आता है
वैसे भी पति उसे कहते हैं
जो पत्नी के काम आता है
आखिर क्यों परवाह करना
उनका जो मायने नहीं रखते हैं
वो अपने भी क्या अपने हैं जो
दुख में आपको सामने नहीं दिखते हैं
वह जिसे हासिल करना चाहती थीं
हाँ, मैं वही मुकाम हूं
अगर आपको लगता है कि
मैं गुलाम हूं तो हां मुझे गर्व है कि
मैं जोरू का गुलाम हूँ।